जैन ग्रंथो वाक्य
उच्चारण: [ jain garentho ]
उदाहरण वाक्य
- हिन्दू और जैन ग्रंथो में भी मिहिरगुल ऐसा ही
- जैन ग्रंथो के अनुसार महावीर या वर्धमान ने ईसा से ५२७ वर्ष पूर्व निर्वाण प्राप्त किया था ।
- वीरगाथाओं मे रास को ही रासो कहा गया किन्तु उनकी विषय भूमि जैन ग्रंथो से भिन्न हो गई ।
- जैन ग्रंथो के अनुसार महावीर या वर्धमान ने ईसा से ५ २ ७ वर्ष पूर्व निर्वाण प्राप्त किया था ।
- संवत १ ५ ९ ७ के एक लेख में यह मंदिर संडेरकगच्छीय यशोभद्रसूरी अपनी मंत्र शक्ति से खेड़ नगर से उड़ा कर लाये थे इस संबध में कई जैन ग्रंथो में इसका विवरण मिलता है।
- जैन ग्रंथो में इस बात का उल्लेख है कि अंत में वे जन मुनि बन गये (भारतीय संस्कृति और हिंदी प्रदेष खंड-एक, डा. रामविलास शर्मा-पृष्ठ 636) यह तो सर्वविदित है कि सम्राट अषोक ने बौद्व धर्म के प्रसार-प्रचार में जी-जान लगा दी।
- जैन ग्रंथो में इस बात का उल्लेख है कि अंत में वे जन मुनि बन गये (भारतीय संस्कृति और हिंदी प्रदेष खंड-एक, डा. रामविलास शर्मा-पृष्ठ 636) यह तो सर्वविदित है कि सम्राट अषोक ने बौद्व धर्म के प्रसार-प्रचार में जी-जान लगा दी।
- यदि शूरसेन जनपद में मथुरा और कृष्णपुर नाम के दो प्रसिद्ध नगर होते, तो मेगस्थनीज के कुछ समय पहले उत्तर भारत के जनपदों के जो वर्णन भारतीय साहित्य [विशेष कर बौद्ध एवं जैन ग्रंथो] में मिलते हैं, उनमें मथुरा नगर के साथ कृष्णापुर या केशवपुर का भी नाम मिलता है।
- शूरसेन जनपद में यदि मथुरा और कृष्णपुर नामक दो प्रसिद्ध नगर होते तो मेगस्थनीज के पहले उत्तर भारत के राज्यों का जो वर्णन साहित्य [विशेषकर बौद्ध एवं जैन ग्रंथो] में मिलता है, उसमें शूरसेन राज्य के मथुरा नगर का विवरण है, राज्य के दूसरे प्रमुख नगर कृष्णपुर या केशवपुर का भी वर्णन मिलता।
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